एक तिनके से क्रांति
लेखक : मासानोबू फुकुओका
ISBN : 978-93-82400-30-1
176 pages | Paperback
About the Book
हमारे स्मृतिकाल में लिखी गयी सिर्फ कुछ ही पुस्तकें लोगो के दिलों, दिमाग और ज़िन्दगी को पूरी तरह से बदलने में सफल रही है। जैसे की मसानोबू फुकुओका की पुस्तक 'द वन स्ट्रा रेवोल्यूशन'।
आधुनिक कृषि और उसके तरीके जिस तरह से मिटटी को नष्ट क्र रहे थे, उससे आहत होकर फुकुओका अपने तकनिकी ज्ञान आधारित पेशे को छोड़कर फिर से अपने गांव लोट आये। यहाँ पर उन्होंने फिर से पारंपरिक खेती की शुरुआत को और उसे परिष्कृत भी किया ताकि उसमे कम श्रम और प्रकृति में न्यूनतम व्यवधान की आवश्यकता हो। उनके तरीको से उगाई गयी फसलों की पैदावार उतनी ही अच्छी थी हिटनी की ट्रैक्टरों से हांकी गयी और भारी मात्रा में रासायनिक उर्वरको और कीटनाशकों की मदद से पड़ोस के खेतो में उगाई गयी फसलों की पैदावार।
फुकुओका जिन्हे इस सदी का सबसे उत्कृष्ट किसान माना जाता है, "एक तिनके से क्रांति" पुस्तक में उन घटनाओ का वर्णन करते है जिसके कारन उनके प्राकृतिक खेती के तरीके का विकास हुआ और उसका असर उनकी जमीन पर, खुद और उन कई हज़ारो लोगो पर पड़ा जिन्होंने उनके तरीको से सीखा। इनका कहना है की जिस तरह से हम खेती को देखते है, वह हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा, स्कुल, प्रकृति, पोषण, आध्यात्म, और स्वयं अपने जीवन को देखने के तरीके को भी प्रभावित करती है।
यहाँ फुकुओका हमे एक आखिरी समझाइश भी देते है कि अभी भी वक़्त है कि हम आधुनिक खेती और इसके विनाशकारी एवं जहरीले तौर-तरीकों को छोड़कर भूमि के साथ अपनी निकटता से काम करने की अपनी समृद्ध विरासत की तरफ लौट आए।